नए शोध में नई बात सामने आई, कोरोनावायरस 'फ्लू' से पांच गुना ज्यादा खतरनाक है

नए शोध में नई बात सामने आई, कोरोनावायरस 'फ्लू' से पांच गुना ज्यादा खतरनाक है

सेहतराग टीम

कोरोना कितना खतरनाक है यह सभी लोग जानते हैं। वैसे इसके लक्षण सामान्य फ्लू वाले ही हैं। लेकिन ये सामान्य फ्लू से कई गुना ज्यादा खतरनाक हैं। यह बात हम नहीं बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कही है। दरअसल डब्ल्यूएचओ ने लोगों को हिदायत भी दी है कि इस वायरस से अपना बचाव करें और लोगों से दूरी बना कर रहें। कोरोना वायरस पर हुए इस शोध को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी की टीम ने किया है। टीम के मुताबिक सार्स कोविड-2 वायरस फ्लू की एक और किस्म है, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।

पढ़ें- दिल्ली सरकार पर फूटा SC का गुस्सा, कोरोना मरीजों के इलाज और शवों के रखरखाव पर लिया संज्ञान

मई की शुरुआत में ही 65  हजार अमेरिकी नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आकर मौत के शिकार हो गए। ये आंकड़ा उतना ही है, जितना कि हर साल अमेरिका में एनफ्लुएंजा से लोग मरते हैं। इसके बावजूद वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों वायरस की तुलना आपस में नहीं की जा सकती।

वैज्ञानिकों के मुताबिक एक तो कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संक्रमित करने वाली महामारी है, दूसरे ये कि जिस तरह से इससे मौत हो रही है, ये बिल्कुल अलग है। वैज्ञानिकों ने डायमंड प्रिसेंस क्रूज शिप में फैलने वाले कोरोना वायरस के डाटा को इस्तेमाल कर अंदाजा लगाया कि इससे मौत का औसत 0.5 फीसद है, जो फ्लू से होने वाली मौत से पांच गुना ज्यादा है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी की टीम के मुताबिक, अमेरिका को जिस संकट का सामना महामारी के दौरान करना पड़ा, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यहां तक कि एनफ्लुएंजा के मौसम में भी नहीं देखा गया। हालांकि अभी वैज्ञानिक मौसमी एंफ्लुएंजा और कोरोना वायरस से होने वाली मौत की तुलना कर किसी सटीक नतीजे पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

दुनियाभर के लोग कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे हैं। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना से चार लाख 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 75 लाख 97 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है, जहां कोरोना से एक लाख 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 20 लाख 89 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।

 

इसे भी पढ़ें-

देश में टॉप 40 मेडिकल कॉलेज में दिल्ली के 6 कॉलेज, फिर भी स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।